बरसात .....

आप ये video पर click कर सकते है जो की ऑडियो file है अगर आप पढने से ज्यादा सुनना पसंद करते हैं ...


बरसात के बाद छत के एक कोने में भर गये उस पानी को पी कर  वो पंछी उड़ गया .....
काफी इंतज़ार क बाद आई ये बरसात न जाने कितने अरमान , कितनी राहत और कितनी ख़ुशी साथ ले आई थी ....



वो टुटा हुआ घोंसला भी पेड़ की टहनी पर सर रख कर सोने को तैयार था ... की अब उसके हिस्से किसी नये घोंसले में जाकर जुड़ जायेंगे और नया कर देंगे उसे ........

सब कुछ धुल गया था ....नया हो गया था....
कुछ मैला था तो वो उस गली से जाती उन अम्मा जी के कपडे जो गिले रस्ते पर चलने से छलकते बरसात के पानी से परेशान होकर बोली .....
" मौसम खराब हो गया था कल रात ..... कीचड़ से सारे कपड़े गंदे हो गये ....."


-- संजीदा 






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