तुम्हारी तस्वीर .....
कभी फुर्सत मिले तो अपनी दीवार पर टंगी उस तस्वीर को ध्यान से देखना .....
याद है ......तुम्हारे जन्मदिन पर अपने हाथों से कागज पर उखेरी थी मैंने .....
तुम कहते थे तुम्हे तुम्हारे जन्मदिन पर ऐसा कोई तोहफा नही मिला .....जब मैंने वो तस्वीर तुम्हे दी थी बहुत खुश होगये थे तुम ......और तस्वीर को देख कर खिलखिलाते तुम्हे देख कर..... मै भी .......
आज वो तस्वीर धूल खा रही है .... वहीं तुम्हारी दीवार पर टंगी ......उस कमरे को तकती .....जहाँ तुम हो तुम्हारा जन्मदिन मनाते ....किसी और के साथ ......
खैर छोडो ......वो तस्वीर भी तो तुम्हारी ही है ....फर्क सिर्फ इतना है ... दिल मेरा है उसमे ....मुझे जैसा प्यार करते थे वैसे तुम हो...... मुस्कुराते...प्यार भरी आँखे लिए ......
खूबसूरत है ना ?
Behad khubsurat.
ReplyDeleteBhut sunder likha h yar aapne
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